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Saturday 4 August 2012

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' का एक गीत

भारत के बालक
हम भारत के भाग्य विधाता, नया राष्ट्र निर्माण करेंगे।
देश-प्रेम के लिए न्योछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे।।

गौतम, गाँधी, इन्दिरा जी की, हम ही तो तस्वीर हैं,
हम ही भावी कर्णधार हैं, हम भारत के वीर हैं,
भेद-भाव का भूत भगा कर, चारु राष्ट्र निर्माण करेंगे।
देश-प्रेम के लिए न्योछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे।।

चम्पा, गेन्दा, गुल-गुलाब ने, पुष्प-वाटिका महकाई,
हिन्द, मुस्लिम, सिख, ईसाई, आपस में भाई-भाई,
सब मिल-जुल कर आपस में, सुदृढ़ राष्ट्र निर्माण करेगे।
देश-प्रेम के लिए न्योछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे।।

भगतसिंह, अशफाक -उल्ला की, आन न हम मिटने देगे,
धर्म-मजहब की खातिर अपनी ,शान न हम मिटने देंगे,
कौमी -एकता को अपना कर धवल -राष्ट्र निर्माण करेंगे।
देश-प्रेम के लिए न्योछावर,हँस-हँस अपने प्राण करेंगे।।

दिशा-दिशा में, नगर-ग्राम में, बीज शान्ति के उपजायेंगे,
विश्व शान्ति की पहल करेंगे, राष्ट्र पताका लहरायेंगे,
भारत के सच्चे प्रहरी बन, स्वच्छ राष्ट्र निर्माण करेंगे ।
देश-प्रेम के लिए न्योछावर, हँस-हँस अपने प्राण करेंगे ।।

(डॉ० रूपचंद्र शास्त्री 'मयंक')

5 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (05-08-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

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  2. देशभक्ति के भाव से ओतप्रोत बहुत ही सुन्दर रचना....

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  3. भगत सिंह अशफाकुल्ला, बापू जैसी कहाँ आत्मा |
    आँख मूंद कर पीछे लाखों, आन्दोलन का किन्तु खात्मा |
    आशावादी जन गन सारा, लेकिन नेता नहीं भरोसा |
    जीना हरदिन कठिन हो रहा, खड़ा झूठ का उच्च आसमाँ ||

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  4. बहुत ही सुन्दर रचना भावी पीढ़ी को रास्ता बताने वाली
    पाठ्यक्रम में सामिल करने योग्य ...बधाई

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